“अब और क्या करें जब शायरी का काम करते हैं |इसी बहाने से ‘ज़ाहिद’ शौक से आराम करते हैं “|| – नितिन श्रीवास्तव “ज़ाहिद”
“अब और क्या करें जब शायरी का काम करते हैं |इसी बहाने से ‘ज़ाहिद’ शौक से आराम करते हैं “||